अयोध्या । रामनगरी अयोध्या स्थित राम मंदिर के प्रथम तल पर कुछ पत्थर ऐसे लग गए हैं, जिनकी मोटाई कम है। गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि ये पुराने पत्थर हैं। अब इन पत्थरों को निकालकर इनके स्थान पर मकराना के पत्थर लगाए जाएंगे। यह निर्णय राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के पहले दिन लिया गया है। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इसका खुलासा किया है। बताया कि जिन पत्थरों की मोटाई कम है, उन्हें बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 800 मीटर लंबे परकोटा में रामकथा आधारित 80 म्यूरल यानी भित्ति चित्र बनाए जाने हैं। ये सभी म्यूरल कांस्य पर बनने हैं। इन्हें पत्थरों पर चिपकाया जाएगा। इनमें से 10 म्यूरल बनकर आ गए हैं। एक म्यूरल लगा भी दिया गया है।
सावधानियां बरतने को लेकर भी हुई चर्चा
म्यूरल लगाने के बाद क्या-क्या सावधानियां बरतनी होंगी ? बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। राम मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तक पैदल न चलने पड़े, इसके लिए मंदिर के निकट ही एक ऐसा भवन निर्मित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु अपने जूता-चप्पल जमा कर सकेंगे। इस भवन में एक बार में छह से 10 हजार जोड़ी जूता-चप्पल जमा किया जाएगा।
कार्यदायी संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे
दर्शन के बाद बाहर निकलते ही श्रद्धालु जूता-चप्पल पहनकर कुबेर टीला व परिसर में बने अन्य मंदिरों तक जा सकेंगे। इससे उन्हें लंबी दूरी तक नंगे पांव नहीं चलना पड़ेगा। बैठक में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित कार्यदाई संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे।