पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रुके हजारों ट्रकों के पहिए

भारत के लिए क्यों है खुशी की बात

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नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते लगातार बदहाल स्थिति में पहुंचते जा रहे हैं। हालात यह हो गए हैं कि अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की ओर से आने वाले हजारों ट्रकों को तोरखाम बॉर्डर पर रोक दिया है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ यह कड़ा रुख उनकी ओर से शरण पाए हुए अफगानी नागरिकों को देश से निकाले जाने के बाद अपनाया है। अफगानिस्तान की ओर से इस तरीके के कड़े रुख पर पाकिस्तान न सिर्फ सकपकाया है, बल्कि उसने भी इस प्रक्रिया में अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद कर दिया है। विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान इस खुले बॉर्डर से ट्रेड कर भारत में नशे की बड़ी खेप पहुंचाता था। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि बंद हुए इस व्यापारिक समझौते से भारत में अब पाकिस्तान की ओर से नशे की तस्करी और अवैध कारोबार पर लगाम लग सकेगी।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लगातार बदहाल हो रहे रिश्तों का असर अब दोनों देशों के व्यापार पर पड़ने लगा है। जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों से अब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से आने वाले लोगों पर ज्यादा ही सख्ती बरतनी शुरू कर दी। हालात ऐसे हो गए कि कानूनी वीजा और पासपोर्ट धारकों की एंट्री ही अफगानिस्तान में प्रतिबंधित की जाने लगी। जब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से आपत्ति दर्ज की, तो पाकिस्तान ने धौंस दिखाते हुए अफगानिस्तान के व्यापार को बंद करने की धमकी देनी शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार शाम से अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के हजारों ट्रकों को अपने देश के भीतर आने से न सिर्फ रोक दिया, बल्कि अफगानिस्तान में मौजूद सभी ट्रकों को अगले कुछ दिनों की मोहलत देकर तत्काल वापस जाने का फरमान सुना दिया। विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि ऐसा करके अफगानिस्तान ने एक साथ कई निशाने पाकिस्तान पर साधे हैं।

दरअसल पाकिस्तान ने अपने यहां पर रह रहे अफगानी शरणार्थियों को जबरदस्ती अपने देश से बाहर निकलना शुरू किया। आंकड़ों के मुताबिक अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों को पाकिस्तान से अफगानिस्तान भेजा जा चुका है। पाकिस्तान पर आरोप यही लग रहे हैं कि इनमें से हजारों ऐसे लोग थे, जो कानूनी तौर पर न सिर्फ अफगानिस्तान से पाकिस्तान में रहने गए थे, बल्कि रिफ्यूजी कैंप में रह रहे थे। विदेशी मामलों के जानकार (रि) कैप्टन धीरज धारीवाल कहते हैं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते तभी से खराब होने शुरू हुए, जब पाकिस्तान को इस बात का इल्म हो गया कि वह अफगानिस्तान में अब अपनी मनमर्जी से बहुत कुछ नहीं कर सकता। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के भीतर हालत खराब करने की साजिश रचनी शुरू की, जिसका अफगानिस्तान को एहसास हुआ और उसने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए। उनका कहना है कि उत्तरी तोरखाम बॉर्डर पर बंद हुआ ट्रेड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

दरअसल अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के ट्रकों के माध्यम से होने वाले ट्रेड को बंद करके न सिर्फ पाकिस्तान की व्यापारिक गतिविधियों को रोका है, बल्कि पाकिस्तान की ओर से भारत को तस्करी से भेजी जाने वाली अवैध नशे की खेप को भी रोकने का बड़ा रास्ता अख्तियार कर लिया है। विदेशी मामलों के जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान भेजे जाने वाले ट्रक में वापसी में नशे की बड़ी खेप भी पाकिस्तान आ जाती थी। अफगानिस्तान से पाकिस्तान के ट्रकों में आने वाली अवैध ड्रग को भारत में आईएसआई और उनकी सेना एक बड़े प्रयोजन के तहत बॉर्डर इलाकों में पहुंचाती थी। हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसी और सेना समेत अन्य एजेंसियां इस अवैध नशे को रोकने के हर संभव प्रयास भी करती हैं। रक्षा मामलों के जानकार अरविंद पुरोहित कहते हैं कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के ड्रग्स को भारत में माहौल खराब करने के लिए भेजता आया है। आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं कि साठ फ़ीसदी ड्रग पाकिस्तानी तस्कर अफगानिस्तान से पाकिस्तान लेकर आते हैं। सबसे बड़ी ड्रग्स की तस्करी तो उन ट्रक के माध्यम से होती थी जो पाकिस्तान से ट्रेड करने अफगानिस्तान जाते थे। अब अगर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ट्रेड बंद होने की स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो भारत में अवैध नशे के कारोबार को तगड़ा झटका लग सकता है।

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