नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘एक्स कॉर्प’ और ‘गूगल इंक’ को निर्देश दिया है कि वे इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (आईआरपीएस) अधिकारी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटे के अंदर हटा लें। जस्टिस नवीन चावला ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करते हुए अज्ञात पक्षों को याचिकाकर्ता अंजलि बिरला के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट करने, ट्वीट करने या रीट्वीट करने से भी रोक दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में ‘एक्स’, ‘गूगल’, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अज्ञात पक्षों को भी नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने अंजलि की ओर से दायर मानहानि मुकदमे की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। दाखिल याचिका में अंजलि ने सोशल मीडिया पर उन पोस्ट को हटाने के निर्देश देने का अनुरोध किया था जिनमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के चलते पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और आईएएस अधिकारी बन गईं। अंजलि के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने यूपीएससी के सीएसई दिए थे और उनका चुनाव 2019 की में हुआ था। वह आईआरपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं।
अपनी याचिका में अंजलि ने दावा किया कि अपमानजनक पोस्ट से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है और ऑफिस में उनकी स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे थे। अंजलि ने उनके बारे में भ्रामक और झूठी जानकारी के प्रसार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने पोस्ट को हटाने की मांग की है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि ने 2019 में यूपीएससी परीक्षा दी थी। पिछले साल 2023 में उन्होंने ट्रेनिंग पूरी की। वह आईआरपीएस अधिकारी हैं। लेकिन, सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि अंजलि एक आईएएस अधिकारी हैं।
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